रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का दो दिवसीय भारत दौरा आज (गुरुवार) से शुरू हो रहा है। वह 4 और 5 दिसंबर को भारत के आधिकारिक दौरे पर रहेंगे। इस दौरान पुतिन 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। बता दें कि रूसी राष्ट्रपति चार साल के अंतराल के बाद भारत पहुंचेंगे। वे आखिरी बार भारत 2021 में भारत-रूस वार्षिक सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। हालांकि पुतिन का इस बार का भारत दौरा पिछली यात्रा के मुकाबले काफी अहम माना जा रहा है।
पीएम मोदी से मुलाकात और राष्ट्रपति भवन में विशेष भोज
भारत और रूस के बीच हर साल शिखर वार्ता होती है। अब तक दोनों देशों के बीच 22 वार्ताएं हो चुकी हैं। पिछले साल जुलाई में प्रधानमंत्री मोदी मॉस्को गए थे, जबकि पुतिन आखिरी बार 2021 में भारत आए थे। दिसंबर 2021 में हुआ पुतिन का दौरा मात्र कुछ ही घंटों का था। लेकिन इस बार पुतिन भारत के दो दिन रहने वाले हैं।
भारत और रूस के बीच होंगे कई अहम समझौते
अब चार साल बाद हो रही राष्ट्रपति पुतिन की इस यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत को रूसी तेल, मिसाइल सिस्टम और लड़ाकू विमानों की अधिक बिक्री के लिए तैयार करना है। खासतौर पर ऐसे समय में जब अमेरिका के दबाव के कारण ऊर्जा और रक्षा क्षेत्र में दोनों देशों के रिश्ते प्रभावित हुए हैं। इस बार पुतिन के साथ रूसी रक्षा मंत्री आंद्रेई बेलोउसॉव समेत उद्योग और कारोबारी जगत का बड़ा प्रतिनिधिमंडलहोगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह यात्रा भारत-रूस के विशेष संबंधों को फिर से मजबूत करने का अवसर है और कुछ नए रक्षा सौदों की उम्मीद भी है।